अर्नब गोस्वामी पर बड़ा खुलासा : क्यों, कब, किसने हर सवाल का जवाब !
1 min readअर्नब गोस्वामी पर बड़ा खुलासा : क्यों, कब, किसने हर सवाल का जवाब !
अर्नब गोस्वामी पर बड़ा खुलासा हुआ है. उनके कुछ प्राइवेट चैट सोशल मीडिया पर वायरल है जिसको लेकर कई सवाल उठ रहे है. सबसे बड़ी बात ये है की चैट की कुछ चुनिंदा लाइने अपने अपने हिसाब से शेयर किये जा रहे है. उनमे से कुछ बातें जानबूझकर छिपाई जा रही है. जिसके मोबाइल से चैट लीक हुए वो पुलिस कस्टडी से सीधे अस्पताल कैसे पहुंच गया ? ये चैट किसने और क्यों लीक की ? उस चैट में ऐसा क्या है पाकिस्तान सरकार से लेकर कांग्रेस समेत तमाम मोदी विरोधी अर्नब और प्रधानमंत्री मोदी पर टूट पड़े है ? पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार सतीश चंद्र मिश्रा का बड़ा खुलासा !
उस खूनी साज़िश पर पर्दा डालने के लिए देश में लोकतंत्र औऱ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तथाकथित ठेकेदारों का गिरोह यह हुड़दंग कर रहा है.इन ठेकेदारों का गिरोह जिस भयानक खूनी साज़िश पर पर्दा डालने के लिए रिपब्लिक चैनल के अरनब गोस्वामी के खिलाफ कल से ट्विटर, सोशल मीडिया में दो सवालों पर हुड़दंग कर रहा है। उस खूनी साजिश पर चर्चा से पहले, उसे छुपाने के लिए हो रहे हुड़दंग का आधार बने दोनों थोथे सवालों का ठोस उत्तर समझ लीजिए।
गिरोह का पहला सवाल यह है कि भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में आतंकी अड्डे पर की गयी एयर स्ट्राइक की जानकारी अरनब गोस्वामी को तीन दिन पहले ही कैसे मिल गई थीं.? दूसरा सवाल यह है कि अरनब गोस्वामी के सम्बंध सम्पर्क PMO या सीधे प्रधानमंत्री मोदी से कैसे हैं.? गिरोह के पहले सवाल का आधार यह है कि एक वॉट्सएप चैट में अरनब गोस्वामी 23 फरवरी 2019 को BARC के पूर्व CEO पार्थ दास गुप्ता के सवाल के जवाब में यह कह रहा है कि “पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में कुछ बड़ा होने वाला है। उड़ी की सर्जिकल स्ट्राईक से भी बड़ा।” बस इसी बात को लेकर गिरोह उड़ गया है कि अरनब गोस्वामी को यह कैसे मालूम था.?
अर्नब को गिरफ्तार करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे शिव सैनिक भी है ?
गिरोह की इस करतूत के जवाब में इतना ही कहूंगा कि अरनब गोस्वामी ने कुछ भी नया या गुप्त रहस्य नहीं बताया था। 2014 से प्रधानमंत्री मोदी की रीति नीति नीयत और कार्यशैली को गम्भीरता से देख सुन और समझ रहा इस देश का हर राष्ट्रभक्त जागरूक नागरिक जानता था और आश्वस्त था कि प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान को बहुत प्रचंड जवाब देंगे। अरनब गोस्वामी ने तो 23 फरवरी को अपना अनुमान बताया था। लेकिन मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति ने पुलवामा हमले के कुछ घण्टों बाद 14 फरवरी को ही… #स्थिति_गम्भीर_है_परिणाम_बहुत_गम्भीर_होगा शीर्षक वाली अपनी पोस्ट में स्पष्ट लिखा था कि…”इसके बहुत गम्भीर परिणाम उसको भुगतने पड़ेंगे। अतः अगले कुछ दिन या हो सकता है कि अगले कुछ घण्टे पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ जाएं…””पाकिस्तान अपने राक्षसी कुकर्म का गम्भीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। अब केवल यह देखना है कि उसे यह परिणाम कब मिलेगा। अगले कुछ घण्टों या फिर अगले कुछ दिनों में.?’ (पोस्ट का लिंक कमेंट में) इसके उपरांत 17 फरवरी को #सच_से_मुंह_मत_चुराइये शीर्षक वाली अपनी एक अन्य पोस्ट में मैंने पुनः लिखा था कि…”…..इसका कारण केवल सेना जानती है और हमसे आपसे करोड़ों गुना अधिक बेहतर जानती है। अतः सेना द्वारा अब जो हमला या कार्रवाई होनी है उसमें 1-2 हफ्ते भी लग सकते हैं। तबतक अपने धैर्य और संयम के बांध मत टूटने दीजिये।” (पोस्ट का लिंक कमेंट में) अरनब गोस्वामी से भी 9 और 7 दिन पहले लिखी गयी मेरी उपरोक्त बातों का अर्थ क्या यह है कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे उपरोक्त सूचना दी थीं.? लेकिन अरनब गोस्वामी की चैट का यही धूर्त अर्थ निकाल कर लोकतंत्र औऱ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तथाकथित ठेकेदारों का गिरोह हुड़दंग कर रहा है।
रही बात अरनब गोस्वामी के सम्बंध संपर्क PMO या प्रधानमंत्री मोदी से होने की, तो इस बात पर गिरोह इतना तिलमिला बिलबिला क्यों रहा है ? अरनब गोस्वामी कोई चोर डकैत दलाल नहीं है। 2G घोटाले में कारपोरेट दलाल नीरा राडिया की दलाली पत्रकार भेष में करते हुए रंगे हाथ पकड़ी गई बरखा दत्त जैसा कोई कुकर्म या कारनामा अरनब गोस्वामी के साथ आजतक नहीं जुड़ा है। पिछले 15 वर्षों से देश में एडिटर इन चीफ के रूप में वो देश की पहली पसंद बना हुआ है। अतः अगर उसके सम्बंध सम्पर्क PMO या प्रधानमंत्री से हैं तो यह बहुत स्वाभाविक बात है। इस बात पर गिरोह जहर की उल्टियां क्यों कर रहा है.? दअरसल अरनब गोस्वामी को फंसा कर जेल भेजने के लिए रची गयी उस खूनी साज़िश पर पर्दा डालने के लिए यह हुड़दंग हो रहा है जो बीती 15 जनवरी को उजागर हो गयी है। अब जानिए उस साजिश को.
अर्नब गोस्वामी पर बड़ा खुलासा :
चैनलों की रेटिंग तय करने वाली संस्था BARC के पूर्व CEO पार्थ दास गुप्ता की हालत हिरासत में बहुत खराब होने पर परसों उन्हें मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराने के 14 घण्टे के बाद उनके परिवार को सूचना दी गयी। सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचा उनका परिवार वहां पार्थ दास गुप्ता की हालत देखकर सन्न रह गया। क्योंकि वो मरणासन्न हालत में बेहोश थे और ICU में उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही थीं। उनको दी गयी शारिरिक यातनाओं प्रताड़नाओं की गवाही उनका घायल शरीर दे रहा है। उनकी पुत्री ने देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सूचना प्रसरण मंत्री समेत कई लोगों को इस बारे में पत्र लिख कर सूचित किया है और अपने उस पत्र को सोशल मीडिया पर भी जारी किया है। ज्ञात रहे कि रिपब्लिक चैनल के अरनब गोस्वामी के खिलाफ सबूत उगलवाने के लिए ही पार्थ दास गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। जेजे अस्पताल के ICU में मरणासन्न बेहोश पड़े पार्थ दास गुप्ता का शरीर गवाही दे रहा है कि अरनब गोस्वामी के खिलाफ मनचाहा उगलवाने के लिए उनके साथ किस तरह की क्या और कैसी पूछताछ की गयी है.? मरणासन्न पार्थ दास गुप्ता का घायल शरीर बता रहा है कि अरनब गोस्वामी को फंसाने के लिए कैसे भयानक खूनी हथकंडे आजमाए जा रहे हैं, कैसी भयानक खूनी साजिशें रची जा रही हैं। लेक़िन पार्थ दास गुप्ता के साथ हुई इस पुलिसिया बर्बरता और भयानक खूनी साज़िश पर देश में लोकतंत्र औऱ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तथाकथित ठेकेदारों का गिरोह चोरों की तरह चुप्पी साधे है। टू जी घोटले के जीरो लॉस थ्योरी पर आँख बंद करने वाले शुतूरमुर्गो को इतना भी नहीं पता कि मोदीजी को 2014 से फॉलो करने वाले हर राष्ट्रवादी मोदी जी के सभी कार्य शैली का अध्यन कर रहे है ! और यही तो मोदीजी का करिश्मई नेतृत्व का कमाल भी है कि “दिल से मिले दिल हाल सब कुछ जाने है” इन चमन लालो को मनोविज्ञान,बॉडीलेग्वेज,टेलीपैथी किस चिड़िया का नाम है वो ही नहीं पता तो मोदीजी को क्या जानेगे ? फिर अर्नब का पत्रकारिता पेशा है जिसके लिए ये सब गुणो का होना पहली शर्त है !
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पुलवामा हमले तुरंत के बाद कि गई भविष्यवाणी
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वरिष्ठ पत्रकार सतीश चंद्र मिश्र के सोसल मीडिया वाल से ।