पाटण की रानी रुदाबाई : सुल्तान का सीना चिरने वाली विरांगना !
1 min readपाटण की रानी रुदाबाई
पाटण की रानी रुदाबाई : सुल्तान का सीना चिरने वाली विरांगना !
भारत की भूमि पर जन्म लेने वाली पाटण की रानी रुदाबाई को शायद आप नहीं जानते होंगे. देश के इतिहासकारों ने हिन्दू वीरों और वीरांगनाओं के साथ हमेशा अन्याय किया है. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई उनमे वीर महिलाओं में से एक थी. लक्ष्मीबाई के बारे में लिखना इतिहासकारों की मजबूरी थी क्यूंकि उन्होंने आधुनिक भारत में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इतिहास के पाठ्यक्रम में रज़िया सुल्तान का जिक्र तो मिल जाएगा लेकिन रानी रुदाबाई पर शायद ही कोई लाइन मिले. रानी पद्मावती और रुदाबाई जैसी शेरनियों के बारे में वामपंथियों ने इसलिए नहीं लिखा क्युकी उन्होंने मुस्लिम आक्रांताओं के खिलाफ जंग लड़ी.
रुदाबाई ने हिन्दू महिलाओं पर गलत नज़र रखने वाले एक मुस्लिम शासक का सीना चिर कर उसका कलेजा बहार निकल दिया था. गुजरात का अहमदनगर शहर तब कर्णावती के नाम से जाना जाता था. वही के राजा थे राणा वीर सिंह वाघेला. 1497 में सुल्तान बेघारा की 40000 फ़ौज को धूल चाटने से पहले राणा वीर सिंह ने कई तुर्की शासकों को हराया था. उनके प्रकाराम का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की सुल्तान बेघारा की विशाल सेना 2 घंटे भी राजपूत सेना का सामना नहीं कर पाई. कहा जाता है की सुल्तान बेघारा की नज़र कर्णावती की रानी रुदाबाई पर थी. रानी रुदाबाई की सुंदरता के चर्चे दूसरों देशों में भी थी. सुल्तान कर्णावती को जीतकर रुदाबाई को अपने हरम में रखना चाहता था.
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राणा वाघेला से मैदान में हारने के बाद सुल्तान समझ गया था की कर्णावती को जीतना उसके बस की बात नहीं है. इसलिए उसने कर्णावती के एक साहूकार को अपनी तरफ मिलाकर उसने दुबारा हमला किया. उस साहूकार ने राजा की सारी गुप्त सूचनाए सुल्तान को पहुंचाई, सुल्तान के छल से राणा वीर सिंह वाघेला वीरगति को प्राप्त हुए. राजा के शहादत की खबर महल में पहुंचते ही भय का वातावरण बन गया. रानी रुदाबाई भी सुल्तान की मंशा जानती थी, उन्होंने सुल्तान की खात्मे की योजना बनाई. सुल्तान को न्योता भेजकर महल के अंदर बुलाया गया. रानी ने महल में 2500 महिलाओं की फ़ौज तैयार कर राखी थी. वासना में अँधा सुल्तान जैसे ही दुर्ग के अंदर आया रुदाबाई ने उसके सीने खंजर घोप दिया. इशारा मिलते ही रानी की वीरंगाएं मुग़ल सेना पर टूट पड़ी. रानी ने सुल्तान का सीना चिर कर उसका दिल बाहर निकल लिया. सुल्तान का सर काटकर राज्य के बीचोबीच टंगवा दिया.
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इस देश का इतिहास ऐसी वीरांगनाओं से भरी पड़ी है लेकिन किताबों में जगह नहीं मिली. रानी रुदाबाई ने सुल्तान का सर टांगकर चेतावनी दिया की कोई भी आक्रांता भारत वर्ष की बहु बेटियों को गलत निगाह से देखेगा तो उसका यही हश्र होगा. सुल्तान के खात्मे के बाद रानी ने राज्य की जिम्मेदारी राज्य से सबसे वफादार के हाथों सौपकर जल समाधी ले ली. रानी रुदाबाई ने जैसी रूद्र देवियों पर इस देश को नाज़ होना चाहिए.