बिहार चुनाव 2020 : विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी लोजपा !
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बिहार चुनाव 2020 : अगर ऐसा नहीं हुआ तो अकेले चुनाव लड़ेगी लोजपा !
* राजद के साथ मिलकर सरकार बना सकती है लोजपा.
* पार्टी की नज़र उन 119 विधानसभा सीटों पर है.
बिहार चुनाव 2020 की तैयारियां जोड़ो पर है. कोरोना संक्रमण के बीच बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. तमाम राजनैतिक पार्टियां पुरे दम ख़म के साथ मैदान में उतर चुकी है. राजनैतिक पार्टियों में इस बार लोजपा (लोक जन शक्ति) तयारी के मामले में आगे दिख रही है. लोजपा बिहार में एनडीए की सहयोगी पार्टी है, लेकिन पिछले कुछ महीने में इस पार्टी के तेवर काफी बदले नज़र आ रहे. पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान कई मौके पर अपनी ही सरकार की आलोचना कर चुके है. चिराग पासवान तो कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे है लेकिन बिहार लोजपा के नेता जरुरत पड़ने पर अकेले चुनाव लड़ने की वकालत कर रहे है. कुछ दिन पहले ही एक इंटरव्यू में नितीश कुमार के विकल्प के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा की वह भाजपा के हर फैसले के साथ है. चिराग पासवान ने खुलकर कहा की बीजेपी नितीश कुमार के साथ रहे या न रहे उनकी पार्टी बीजेपी के साथ चुनाव लड़ेगी. कोरोना संकट और लॉक डाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर चिराग नितीश सरकार की आलोचना कर चुके है. लॉक डाउन में मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर चिराग ने नितीश सरकार की आलोचना करते हुए कहा की अगर सरकार ने प्रवासियों के लिए यातायात की कोई व्यवस्था कर दी होती तो कई प्रवासियों को मरने से बचाया जा सकता है.बिहार में रोजगार, मजाक समझे है क्या ?
इस बार मजदूरों का मुद्दा अहम् हो सकता है !
बिहार चुनाव 2020 में इस बार मजदूरों का मुद्दा अहम् हो सकता है. मजदूरों के मुद्दे पर राजद प्रमुख तेजस्वी यादव पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. राजद प्रवासी मजदूरों को पार्टी सदस्य बनाने का अभियान चला रहे है. बिहार के राजनितिक विश्लेषक मानते है की पलायन इस बार चुनावी मुद्दा बन सकता है इसलिए चिराग पासवान भी इस मुद्दे पर पीछे नहीं दिखना चाहते. चिराग पासवान ने सिर्फ मजदूरों की तकलीफ पर सवाल नहीं उठाया बल्कि डायल 100 का उल्लेख करते हुए कहा की यह कदम कानून व्यवस्था के लिए जरुरी है लेकिन अभी यह प्रदेश के कुछ ही जिलों में लागु है. नितीश सरकार के भर्ती निति की आलोचना करते हुए कहा की जब प्रदेश में स्थायी शिक्षको के बहाली की व्यवस्था है फिर नियोजित शिक्षकों की भर्ती क्यों हो रही है ? चिराग पासवान के आलोचना के बाद जेडीयू ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. बिहार ने एनडीए किसके नेतृत्व के सवाल पर चिराग के बयान पर जदयू ने कहा की नितीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे इसकी घोषणा खुद गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह समेत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कर चुके है. इसलिए चिराग पासवान के बयान का कोई मतलब नहीं रह जाता. इसी साल 30 मई को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नितीश के अगुवाई का ऐलान कर चुके है.
लोजपा की रणनीति !
05 जून 2020 को राज्य कार्यकारिणी के नेताओ संग बैठक में चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं को सभी 243 सीटों पर तैयारी करने को कहा था. इस बैठक में राज्य लोजपा के 115 पदाधिकारी शामिल हुए थे. चिराग पासवान ने कहा की उनकी तैयारी से बिहार चुनाव 2020 में एनडीए गठबंधन को फायदा मिलेगा. चिराग पासवान की पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा दिया है. लोजपा के द्वारा राज्य भर में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत पार्टी ने अभी तक 31 लाख कार्यकर्ताओं को लोजपा में शामिल किया है. लोजपा की तैयारी और चिराग पासवान द्वारा बिहार सरकार की आलोचना से प्रदेश में अटकलों का बाजार गर्म हो चला है. हालाँकि चिराग पासवान इन तमाम बातों और अटकलों को सिरे से ख़ारिज किया है. चिराग का कहना है की उनकी पार्टी सरकार में शामिल नहीं है और सरकार या प्रशासन की कमियां उजागर करने का मकसद समस्या का निदान करना है. जानकारों का मानना है की लोजपा के हर सीट की तैयारी पिछले चुनाव की कमी को पूरा करने की कोशिश है इसके साथ अभी से वह गठबंधन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है. bihar assembly election 2020
अकेले चुनाव लड़ेगी लोजपा !
लोक जनशक्ति पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनने का नया फार्मूला तय किया है. लोजपा प्रत्यासी बनने के लिए उम्मीदवाओं को कम से कम 25 हज़ार पार्टी सदस्य बनाना अनिवार्य है. ये सदस्य उसी विधानसभा के होने चाहिए जहाँ से उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहता है. पार्टी की नज़र उन 119 विधानसभा सीटों पर है जहाँ एनडीए गठबंधन में शामिल भाजपा या जदयू का कोई विधायक नहीं है. The FactShala से बातचीत करते हुए लोजपा के सारण जिला उपाध्यक्ष राजकुमार पांडेय ने कहा की पार्टी सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रही है, ये तैयारी हम एनडीए गठबंधन को मजबूती के लिए कर रहे है. लोजपा एनडीए के साथ तभी चुनाव लड़ेगी जब उसे सम्मानजनक सीट मिलेगी. क्या लोजपा राजद के मिलकर भी चुनाव लड़ सकती है ? इस सवाल के जवाब में राजकुमार पांडेय कहते है जब भाजपा महबूबा मुफ़्ती या हरियाणा में जेजेपी के साथ, शिवसेना कांग्रेस एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है तो राजनीती में कुछ भी संभव है. याद रहे झारखण्ड में उचित सम्मान ना मिलने के कारन लोजपा भाजपा से अलग चुनाव लड़ी थी. फ़िलहाल लोजपा के तेवर देखकर तो यही लगता है या तो उसने बिहार चुनाव 2020 में एनडीए से बाहर निकलने का मन बना लिया है या फिर दबाव की राजनीती कर रही है.
बिहार में नितीश कुमार की चमक फीकी पर चुकी है, उसके बाद कोरोना महामारी में प्रवासियों के लिए नितीश ने हाथ खड़े कर दिए जिससे उनकी छवि को नुकसान पंहुचा है. बिहार बीजेपी के वोटरों में भी असमंजस है, बीजेपी वोटर नितीश के साथ नहीं जाना चाहता लेकिन उसकी सबसे बड़ी मजबूरी है खुद की पार्टी में कोई चेहरा नहीं होना. जानकारों का आंकलन है की इस बार के चुनाव में भाजपा को जदयू के कारन काफी नुकसान उठाना पर सकता है. ऐसे में अगर एलजेपी गठबंधन से बाहर निकल जाती है तो फिर एनडीए का दोबारा सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा.
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