भारत में क्लीन एनर्जी : मध्य प्रदेश के रास्ते विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर !
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भारत में क्लीन एनर्जी : मध्य प्रदेश के रास्ते विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर !
पुरे विश्व के मुक़ाबले भारत में क्लीन एनर्जी का सोर्स सबसे बेहतर होने जा रहा है. मध्य प्रदेश सस्ती एवं साफ-सुथरी बिजली का हब बन रहा है. आपको बता दें की मध्य प्रदेश इससे पहले गेहूँ उपार्जन में रिकार्ड के बाद मध्यप्रदेश अब सौर ऊर्जा उत्पादन में रिकार्ड बनाने जा रहा है. पिछले साल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वी.सी. से रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण किया था. कैसे मध्य प्रदेश से शुरू हुआ यह योजना भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित कर सकता है ? इसे समझने के लिए निचे लिखे तथ्यों को समझना जरुरी है.
क्लीन एनर्जी के लिए मध्य प्रदेश के रीवा में पहली सौर परियोजना स्थापित किया गया है जिससे प्राप्त विद्युत, तापीय ऊर्जा से प्राप्त विद्युत से सस्ती है। इस परियोजना से पहली बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर ‘दिल्ली मेट्रो’ को बिजली प्रदान की गई। आंतरिक ग्रिड समायोजन के लिए वर्ल्ड बैंक और सीटीएफ लोन प्राप्त करने वाली देश की पहली परियोजना है. विश्व बैंक ने यह लोन बिना राज्य शासन की गारंटी के मिला है। यह ऋण ‘CLEAN TECHNOLGY FUND ‘ के अन्तर्गत स्वीकृत किया गया है, जो 0.25 प्रतिशत की सस्ती दर पर प्राप्त LIBOR मुक्त ऋण है। इस परियोजना से सालाना 15.7 लाख टन के CO2 उत्सर्जन को रोका जा रहा है, जो 2.6 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है। इस परियोजना को Transaction संरचना के लिए वर्ल्ड बैंक प्रेजिडेंट पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
इस परियोजना के तीन इकाइयों क्रमश: महिंद्रा रिन्यूएबल, एक्मे सौलर होल्डिंग्स और एरिनसनक्लीन इनर्जी है. उक्त विकासक पहले वर्ष हेतु 2.979 रुपये, 2.970 रुपये और 2.974 रुपये के टैरिफ quote करने के आधार पर चयनित हुए। इस वर्ष परियोजना को न्यूनतम टैरिफ प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री पुरुस्कार के लिए भी नामंकित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत विश्व में ‘क्लीन एनर्जी का मॉडल बनेगा। भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस’ का निर्माण किया है। हमारे प्रयास है कि आम आदमी अपनी जरूरत की बिजली घर पर ही पैदा करे। हम प्रयासरत है कि देश में बेहतर सोलर पैनल, बेट्री, स्टोरेज बनें तथा हमें विदेशों से उपकरण आयात नहीं करना पड़ें।
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मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहे है। मध्यप्रदेश सस्ती एवं साफ-सुथरी बिजली का हब बन रहा है। सफेद बाघ के नाम से जाना जाने वाला रीवा अब विश्व में सेालर प्लांट के नाम से भी जाना जाएगा। यहां खेतों में लगे हजारों पैनल ऐसा एहसास दिलाते है, मानो खेतो में फसल लहरा रही हो या गहरे समंदर का नीला पानी हो। मध्य प्रदेश में ऐसी योजना बन रही है, जिसके माध्यम से अब किसान अपनी बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन कर सकेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हम विश्व के टॉप 5 देशों में पहुँच गये हैं। वर्ष 2014 में जहां सौर ऊर्जा की कीमत 7 से 8 रूपये प्रति यूनिट हुआ करती थी, आज वह घटकर 2.25 से 2.50 रूपये प्रति यूनिट हो गयी है। एशिया की सबसे बड़ी सोलर इकाई का नीमच में शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा ही किया गया।
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