Ak-47 मैन मिखाइल क्लैशनिकोव : युद्ध के देवता, जिसे बनाया उसी ने जान ले ली !
1 min readAk-47 मैन मिखाइल क्लैशनिकोव
Ak-47 मैन मिखाइल क्लैशनिकोव : युद्ध के देवता, जिसे बनाया उसी ने जान ले ली !
एक-47 मैन ‘मिखाइल क्लैशनिकोव’ यह एक ऐसा नाम है जिसे आज की पीढ़ी शायद जानती भी नहीं होगी लेक़िन उनके द्वारा बनाया गया एक ऐसा हथियार जिसे आज हर बच्चा जानता है। AK-47 दुनियाभर में एक भौकाली राइफल के रूप में प्रसिद्ध है। भारत में इस नाम की चर्चा आखिरी बार तब हुई थी जब कोरवां आयुध कारखाने का उद्घाटन हुआ था. यहाँ पर AK 47 से भी ज्यादा मारक राइफल AK203 का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश के अमेठी में प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. मिखाइल क्लैशनिकोव ने अपने अपमान की बात AK47 राइफल बनाई थी.
क्लाशनिकोव 19 भाई बहनों में 17वें नंबर पर थे। इनका पूरा नाम मिखाइल तिमोफेयेविक क्लाशनिकोव है। क्लाशनिकोव का जन्म 10 नवंबर, 1919 को हुआ था। उन्होंने एक ऐसे हथियार को बनाया जिसका नाम आज पूरी दुनिया में बेशुमार है। AK-47 राइफल का अविष्कार मिखाइल क्लैशनिकोव ने 1947 में किया था। इस हथियार के कारण ही उन्हें आधुनिक काल के युद्ध देवता की उपाधि दी गई। इस हथियार ने सिर्फ आधिनुक युद्ध के इतिहास नहीं बदले, बल्कि इसने कई युद्धों को जन्म भी दिया। आज दुनियाभर के सुरक्षाबलों (सेना) आतंकी, विद्रोही और नक्सली संगठों का सबसे पसंदीदा हथियार है । AK47 के अलावा एकेएम, एके-74, एके-101, एके-103, एके-105, एके-12, आरपीके, पीके मशीन गन जैसे खतरनाक हथियार बनाए हैं.
10 नवंबर 1919 को जन्मे मिखाइल क्लैशनिकोव 1938 में रूसी सेना में भर्ती हो गए थे। अक्तूबर 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध में टैंक का गोला लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल में उन्होंने सोवियत संघ की राइफलों की बुराई करते कुछ सैनिको को सुना. मिखाइल क्लैशनिकोव ने प्रण कर लिया कि वह एक ऐसा हथियार बनाएंगे जो जर्मन सेना का मुकाबला करने में सक्षम हो और पूरी दुनिया को सोवियत संघ पर गर्व महसूस करे। इसके बाद क्लैशनिकोव ने मशीनगन बनाई। इसे आवटोमैट कलाशनिकोवा कहा गया यानी क्लैशनिकोव का ऑटोमैटिक हथियार। हालांकि बाद में बोलने में कठिनाई आने की वजह से इसे एके-47 का नाम दिया गया।
Rifel Man