बिहार क्वारंटाइन सेंटर में कंडोम कौन और क्यों बाँट रहा है ?
1 min readquarantine center bihar
बिहार क्वारंटाइन सेंटर में कंडोम कौन और क्यों बाँट रहा है ?
कोरोना संक्रमण के डर से लॉक डाउन के बाद बिहार के क्वारंटाइन सेंटर की कई तस्वीरें वायरल हुई जिसमे बिहार सरकार की बदइंतज़ामी झलक रही थी. बिहार सरकार की सबसे बड़ी मुसीबत प्रवासी बिहारियों के लौटना है. इन्ही प्रवासियों को लेकर राजनीती भी अपने चरम सिमा पर है. बिहार की विपक्षी पार्टियां नितीश कुमार की लगातार आलोचना कर रही है. प्रवासियों के लौटने के शुरुआती दिनों में क्वारंटाइन सेंटर की तस्वीरें वायरल होने के बाद से सरकार ने बहुत हद तक व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली है. प्रवासियों के लिए अब खाने पिने का इंतेज़ाम ठीक से हो रहा है. सरकार सिर्फ खाने पिने तक नहीं बल्कि क्वारंटाइन सेंटर से निकलने वालो को कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां भी बाँट रही है.
बिहार क्वारंटाइन सेंटर में कंडोम कौन और क्यों बाँट रहा है ?
इससे पहले उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियां बांटी गई थी. यूपी के बलिया में जनसंख्या नियंत्रण के लिए गांव-गांव में कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां और परिवार नियोजन के अन्य किट बांटे गए थे। दरअसल सरकार को चिंता है लॉक डाउन की वजह से प्रजनन की दर में काफी उछाल आ सकता है. बिहार सरकार हेल्थ सोसाइटी के निदेशक ये मानते है जो श्रमिक हर साल होली दिवाली या छठ पूजा में घर आते है उसके नौ महीने बाद प्रसव दर काफी बढ़ जाता है. सरकार का यह दावा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी के डाटा पर आधारित है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सभी को क्वारंटीन सेंटरों में 2 पैकेट दिए जा रहे हैं. इसके अलावा घर घर घूमकर आशा कार्यकर्ता होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों के लिए कंडोम के पैकेंट बांट रही हैं.
बिहार क्वारंटाइन सेंटर में कंडोम कौन और क्यों बाँट रहा है ?
परिवार नियोजन की यह प्रक्रिया जून महीने तक चलेगी जिसमे कुछ जिलों में गर्भनिरोधक गोलियां भी बांटी जाएगी. जानकारी के मुताबिक बिहार में लगभग 13 लाख लोग क्वारंटीन सेंटरों में हैं. बिहार सरकार इस कार्यक्रम में केयर इंडिया संस्था की भी मदद ले रही है. केयर इंडिया की मने तो जिनको अभी तक कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियना उपलब्ध नहीं हुई है उन्हें जल्द ही घर पर पंहुचा दिया जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग का कहना है की मजदूरों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाया गया है. इसलिए इस योजना के लिए क्वारंटाइन सेंटर को चुना गया है. राज्य सरकार की मानें तो राज्य में अबतक 30 लाख प्रवासी राज्य में वापस लौट चुके हैं, जिनमे से अधिकांश लोग क्वारंटाइन सेंटर में है और लगभग 9 लाख लोग क्वारंटाइन पूरा कर घर जा चुके है. अधिकारियों का मानना है की जो प्रवासी मजदूर गांव जा रहे हैं वे 14 दिन घर से बाहर निकल नहीं सकते, लिहाजा परिवारों में जनसंख्या वृद्धि की संभावना ज्यादा है। सरकार का कहना है की समय समय पर परिवार नियोजन के अभियान चलते है जिसमे लोगों को जागरूक करना उसी अभियान का हिस्सा है।